Uncategorizedलोग उन्हें "गाने वाली" कहकर चिढ़ाते थे, धीरे धीरे ये उनका उपनाम हो गया….SajeevJuly 29, 2009 by SajeevJuly 29, 20090255 दुनिया में कुछ ही लोग ऐसे होते हैं जो अपनी अमिट छाप छोड़ जाते हैं, जिनके जाने के बाद भी उनकी मधुर स्मृतियाँ हमें प्रेरित...
Uncategorizedबांसुरी के स्वर में डूबा नीला आसमां…AmitFebruary 27, 2009 by AmitFebruary 27, 20090430 मुरली से उनका प्रेम अब जग जाहिर होने लगा, भारत ही नही विदेशो में भी उनकी मुरली के सुर लोगो को आनंदित करने लगे ।...
Uncategorizedबाजे मुरलिया बाजे (पंडित हरिपसाद चौरसिया जी पर विशेष आलेख)AmitFebruary 26, 2009 by AmitFebruary 26, 20090248 बाँसुरी ……वंसी ,वेणु ,वंशिका कई सुंदर नामो से सुसज्जित हैं बाँसुरी का इतिहास, प्राचीनकाल में लोक संगीत का प्रमुख वाद्य था बाँसुरी । अधर धरे...
Uncategorizedवाह उस्ताद वाह ( १ ) – पंडित शिव कुमार शर्माAmitAugust 25, 2008 by AmitAugust 25, 20080250 संतूर को हम, बनारस घराने के पंडित बड़े रामदास जी की खोज कह सकते हैं, जिनके शिष्य रहे जम्मू कश्मीर के शास्त्रीय गायक पंडित उमा...