Uncategorizedलता संगीत उत्सव ( १ ) – पंकज सुबीरAmitSeptember 4, 2008 by AmitSeptember 4, 20080284 रूह की वादियों में बह रही दिलरुबा नदी ख़ैयाम साहब ने जितना भी संगीत दिया है वो भीड़ से अलग नज़र आता है । उनके...
Uncategorizedदर्द को सुरीलेपन की पराकाष्ठा पर ले जाने वाले अमर गायक मुकेशAmitAugust 27, 2008 by AmitAugust 27, 20080588 आज सुबह आपने पढ़ा हृदयनाथ मंगेशकर का संस्मरण ‘वो जाने वाले हो सके तो॰॰॰॰‘ आज हम पूरे दिन मुकेश को याद कर रहे हैं, उनके...
Uncategorizedओ जाने वाले हो सके तो ….AmitAugust 27, 2008 by AmitAugust 27, 20080294 हृदयनाथ मंगेशकर द्वारा लिखित संस्मरण हजारों गाने गानेवाले मुकेश दा के आखिरी शब्द थे – ‘यह पट्टा खोल दो’ खुशमिज़ाज मुकेश तीस हजार फुट की...
Uncategorized"नैना बरसे रिमझिम रिमझिम" – संजय पटेल ने ताज़ा किया एक मार्मिक संस्मरण, संगीत के महान फनकार मदन मोहन को आवाज़ की श्रद्दांजलिAmitJuly 14, 2008 by AmitJuly 14, 20080292 Mangeshkar christened him ‘The Emperor Of Ghazals’. She should know because it is in her voice that Madan Mohan created all those masterpieces that set...