Tag : ham hain mata-e-koocha o bazar kii tarah

Uncategorized

हम हैं मता-ए-कूचा ओ बाज़ार की तरह….फ़िल्मी ग़ज़लों में अग्रणी कही जा सकती है ये रचना

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 201 ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ पर आज से छा रहा है फ़रमाइशी रंग एक बार फिर से। शरद तैलंद जी के...