Uncategorizedपाँव की बेड़ियों से आज़ादी लेकर संगीत के नाव के सहारे एक लंबी "उड़ान" भरी है अमित और अमिताभ नेAmitJuly 13, 2010 by AmitJuly 13, 20100273 ताज़ा सुर ताल २६/२०१० सुजॊय – ‘ताज़ा सुर ताल’ मे सभी श्रोताओं व पाठकों को मेरा नमस्कार, और विश्व दीपक जी आपको भी। विश्व दीपक...
Uncategorizedअलहदा है पियूष का अंदाज़, तो अलहदा क्यों न हो "गुलाल" का संगीतSajeevMarch 20, 2009 by SajeevMarch 20, 20090272 वाकई पियूष भाई एक हरफनमौला हैं, क्या नहीं करते वो. एक समय था जब हमारी शामें दिल्ली के मंडी हाउस में बीता करती थी. और...