Tag : vishv deepak tanha

Dil se Singer

गुल हुई जाती है अफ़सुर्दा सुलगती हुई शाम……. महफ़िल-ए-नौखेज़ और "फ़ैज़"

Amit
महफ़िल-ए-ग़ज़ल #३१ आज की महफ़िल बड़ी हीं खुश-किस्मत है। आज हमारी इस महफ़िल में एक ऐसे शम्म-ए-चरागां तशरीफ़फ़रमां हैं कि उनकी आवभगत के लिए अपनी...
Dil se Singer

तेरी आवाज़ आ रही है अभी…. महफ़िल-ए-शाइर और "नासिर"

Amit
महफ़िल-ए-ग़ज़ल #३० “महफ़िल-ए-गज़ल” के २५वें वसंत (यूँ तो वसंत साल में एक बार हीं आता है, लेकिन हम ने उसे हफ़्ते में दो बार आने...
Dil se Singer

कोई जुगनू न आया……"सुरेश" की दिल्लगी और महफ़िल-ए-ताजगी

Amit
महफ़िल-ए-ग़ज़ल #२९ लीजिए देखते-देखते हम अपनी महफ़िल को उस मुकाम तक ले आएँ, जहाँ पहला पड़ाव खत्म होता है और दूसरे पड़ाव की तैयारी जोर-शोर...
Dil se Singer

मैं ख्याल हूँ किसी और का, मुझे सोचता कोई और है……. "बेग़म" की महफ़िल में "सलीम" को तस्लीम

Sajeev
महफ़िल-ए-ग़ज़ल #२८ रात कुछ ऐसा हुआ जैसा होता तो नहीं, थाम कर रखा मुझे मैं भी खोता तो नहीं – आने वाली फिल्म “कमीने” में...
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इश्क ने ऐसा नचाया कि घुंघरू टूट गए…….."लैला" की महफ़िल में "क़तील"

Amit
महफ़िल-ए-ग़ज़ल #२७ धीरे-धीरे महफ़िल में निखार आने लगा है। भले हीं पिछली कड़ी में टिप्पणियाँ कम थीं,लेकिन इस बात की खुशी है कि इस बार...
Dil se Singer

वो इश्क जो हमसे रूठ गया……..महफ़िल-ए-जाविदा और "फ़रीदा"

Amit
महफ़िल-ए-ग़ज़ल #२६ जब कुछ आपकी उम्मीद के जैसा हो, लेकिन ज्यादा कुछ आपकी उम्मीद से परे, तो किंकर्तव्यविमुढ होना लाज़िमी है। ऐसा हीं कुछ हमारे...
Dil se Singer

न ग़म कशोद-ओ-बस्त का, न वादा-ए-अलस्त का……….अभी तो मैं जवान हूँ!!

Amit
महफ़िल-ए-ग़ज़ल #२५ गज़लों की यह महफ़िल अपने पहले पड़ाव तक पहुँच चुकी है। आज हम आपके सामने महफ़िल-ए-गज़ल का २५वाँ अंक लेकर हाज़िर हुए हैं।...
Dil se Singer

इंशा जी उठो अब कूच करो….एक गज़ल जिसके कारण तीन फ़नकार कूच कर गए

Amit
महफ़िल-ए-ग़ज़ल #२४ आज की गज़ल को क्या कहूँ, कुछ ऐसी कहानी हीं इससे जुड़ी है कि अगर कुछ न भी हो तो बहुत कुछ कहा...
Dil se Singer

वाह-वाह रम्ज़ सजन दी होर….. महफ़िल-ए-अथाह और "बाबा बुल्ले शाह"

Amit
महफ़िल-ए-ग़ज़ल #२३ एक शख्स जिसे उसकी लीक से हटकर धारणाओं और भावनाओं के कारण गैर-इस्लामिक करार दिया गया और जिसे कज़ा के बाद भी अपने...
Dil se Singer

दिल एक फूल है इसे खिलने भी दीजिए……पेश है एक जोड़ी कमाल की

Amit
महफ़िल-ए-ग़ज़ल #२२ यह कोई फ़िल्मी किस्सा नहीं है, ना हीं किसी लैला-मजनू, हीर-रांझा की दास्तां, लेकिन जो भी है, इन-सा होकर भी इनसे अलहदा है।...