Dil se Singerएक हीं बात ज़माने की किताबों में नहीं… महफ़िल-ए-ज़ाहिर और "फ़ाकिर"AmitJune 2, 2009October 15, 2021 by AmitJune 2, 2009October 15, 202119 141 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #१७ कुछ गज़लें ऐसी होती हैं,जिन्हें आप हर दिन सुनते हैं,हर पल सुनना चाहते हैं, और बस सुनते हीं नहीं, गुनते भी हैं,लेकिन आपको...