Dil se Singerमुझे अपने ज़ब्त पे नाज़ था.. इक़बाल अज़ीम के बोल और नय्यारा नूर की आवाज़.. फिर क्यूँकर रंज कि बुरा हुआAmitFebruary 3, 2010October 15, 2021 by AmitFebruary 3, 2010October 15, 20217 181 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #६९ इंसानी मन प्रशंसा का भूखा होता है। भले हीं उसे लाख ओहदे हासिल हो जाएँ, करोड़ों का खजाना हाथ लग जाए, फिर भी...