Tag : mirza ghalib

काव्य तरंग

हजारों ख्वाहिशें ऐसी || काव्य तरंग

Sajeev Sarathie
रविवार सुबह की कॉफी, कुछ लफ्ज़ कुछ जज़्बात… Happy Sunday मिर्ज़ा ग़ालिब महक रहे हैं मित्र Manuj Mehta की आवाज मेंEpisode out now, please click...
Dil se Singer

चित्रकथा – 44: फ़िल्म-संगीत में मिर्ज़ा ग़ालिब की ग़ज़लें

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अंक – 44 फ़िल्म-संगीत में मिर्ज़ा ग़ालिब की ग़ज़लें “आह को चाहिए एक उम्र असर होने तक…”  रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के सभी श्रोता-पाठकों को सुजॉय...
Dil se Singer

जब रफ़ी साहब अपनी आवाज़ के जादू में मिर्ज़ा ग़ालिब की ग़ज़ल सुनाते हैं

Pooja Anil
महफ़िल ए कहकशां 5 दोस्तों सुजोय और विश्व दीपक द्वारा संचालित “कहकशां” और “महफिले ग़ज़ल” का ऑडियो स्वरुप लेकर हम हाज़िर हैं, “महफिल ए कहकशां” के...
Dil se Singer

“फिर मुझे दीदा-ए-तर याद आया”- और याद आए ग़ालिब उनकी १४४-वीं पुण्यतिथि पर

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१५ फ़रवरी १८६९ को मिर्ज़ा ग़ालिब का ७२ साल की उम्र में इन्तकाल हुआ था। करीब १५० साल गुज़र जाने के बाद भी ग़ालिब की...
Dil se Singer

फ़िल्म संगीत में ग़ालिब की ग़ज़लें – एक अवलोकन

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‘ओल्ड इज़ गोल्ड – शनिवार विशेष’ के सभी पाठकों को सुजॉय चटर्जी का सप्रेम नमस्कार! दोस्तों, फ़िल्म-संगीत में ग़ज़लों का चलन शुरु से ही रहा...
Dil se Singer

नुक्ताचीं है ग़म-ए-दिल उसको सुनाये ना बने…ग़ालिब का कलाम और सुर्रैया की आवाज़

Sajeev
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 589/2010/289 “आह को चाहिये एक उम्र असर होने तक, कौन जीता है तेरी ज़ुल्फ़ के सर होने तक”। मिर्ज़ा ग़ालिब...
Dil se Singer

इसी को प्यार कहते हैं.. प्यार की परिभाषा जानने के लिए चलिए हम शरण लेते हैं हसरत जयपुरी और हुसैन बंधुओं की

Amit
महफ़िल-ए-ग़ज़ल #१०८ ग़ज़लों की दुनिया में ग़ालिब का सानी कौन होगा! कोई नहीं! है ना? फिर आप उसे क्या कहेंगे जिसके एक शेर पर ग़ालिब...
Dil se Singer

लगता नहीं है जी मेरा उजड़े दयार में.. मादर-ए-वतन से दूर होने के ज़फ़र के दर्द को हबीब की आवाज़ ने कुछ यूँ उभारा

Amit
महफ़िल-ए-ग़ज़ल #१०१ पूरे एक महीने की छुट्टी के बाद मैं वापस आ गया हूँ महफ़िल-ए-ग़ज़ल की अगली कड़ी लेकर। यह छुट्टी वैसे तो एक हफ़्ते...