Dil se Singerभला हुआ मेरी मटकी फूटी.. ज़िन्दगी से छूटने की ख़ुशी मना रहे हैं कबीर… साथ हैं गुलज़ार और आबिदाAmitMay 11, 2011October 15, 2021 by AmitMay 11, 2011October 15, 202110 104 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #११३ सूफ़ियों-संतों के यहां मौत का तसव्वुर बडे खूबसूरत रूप लेता है| कभी नैहर छूट जाता है, कभी चोला बदल लेता है| जो मरता...
Dil se Singerमन लागो यार फ़क़ीरी में: कबीर की साखियों की सखी बनकर आई हैं आबिदा परवीन, अगुवाई है गुलज़ार कीAmitMarch 9, 2011October 15, 2021 by AmitMarch 9, 2011October 15, 20216 73 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #१११ सूफ़ियों का कलाम गाते-गाते आबिदा परवीन खुद सूफ़ी हो गईं। इनकी आवाज़ अब इबादत की आवाज़ लगती है। मौला को पुकारती हैं तो...