Dil se Singerअपनी गली में मुझ को न कर दफ़्न बाद-ए-क़त्ल.. अपने शोख कातिल से ग़ालिब की इस गुहार के क्या कहने!!AmitApril 7, 2010October 15, 2021 by AmitApril 7, 2010October 15, 202117 210 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #७८ देखते -देखते हम चचा ग़ालिब को समर्पित आठवीं कड़ी के दर पर आ चुके हैं। हमने पहली कड़ी में आपसे जो वादा किया...
Dil se Singerजब आँख ही से न टपका तो फिर लहू क्या है.. ग़ालिब के ज़ख्मों को अपनी आवाज़ से उभार रही हैं मरियमAmitMarch 24, 2010October 15, 2021 by AmitMarch 24, 2010October 15, 202126 200 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #७६ हर कड़ी में हम ग़ालिब से जुड़ी कुछ नई और अनजानी बातें आपके साथ बाँटते हैं। तो इसी क्रम में आज हाज़िर है...
Dil se Singerकब से हूँ क्या बताऊँ जहां-ए-ख़राब में.. चचा ग़ालिब की हालत बयां कर रहे हैं मेहदी हसन और तरन्नुम नाज़AmitMarch 17, 2010October 15, 2021 by AmitMarch 17, 2010October 15, 202131 163 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #७५ यूसुफ़ मिर्जा, मेरा हाल सिवाय मेरे ख़ुदा और ख़ुदाबंद के कोई नहीं जानता। आदमी कसरत-ए-ग़म से सौदाई हो जाते हैं, अक़्ल जाती रहती...