Tag : amir khusro

Dil se Singer

है जिसकी रंगत शज़र-शज़र में, खुदा वही है.. कविता सेठ ने सूफ़ियाना कलाम की रंगत हीं बदल दी है

Amit
महफ़िल-ए-ग़ज़ल #१०५ इससे पहले कि हम आज की महफ़िल की शुरूआत करें, मैं अश्विनी जी (अश्विनी कुमार रॉय) का शुक्रिया अदा करना चाहूँगा। आपने हमें...
Dil se Singer

खुसरो कहै बातें ग़ज़ब, दिल में न लावे कुछ अजब… शोभा गुर्टू ने फिर से ज़िंदा किया खुसरो को

Amit
महफ़िल-ए-ग़ज़ल #६४ पिछली ग्यारह कड़ियों से हम आपको आपकी हीं फ़रमाईश सुनवा रहे थे। सीमा जी की पसंद की पाँच गज़लें/नज़्में, शरद जी और शामिख...
Dil se Singer

ओ क़ाबा-ए-दिल ढाहने वाले, बुतखाना हूँ तो तेरा हूँ…. "ज़हीन" के शब्द और "शुभा" की आवाज़

Amit
महफ़िल-ए-ग़ज़ल #४२ “प्रश्न-पहेली” की यह दूसरी “किश्त” पाठकों को भा रही है, इसी यकीन और इसी उम्मीद के साथ हम पहुँच गए हैं इस पहेली...
Dil se Singer

झूमो रे, दरवेश…( भाग १ ), सूफी संगीत परम्परा पर एक विशेष श्रृंखला, अशोक पाण्डे की कलम से

Amit
सूफी संगीत यानी, स्वरलहरियों पर तैरकर जाना और ईश्वर रुपी समुंदर में विलीन हो जाना, सूफी संगीत यानी, “मै” का खो जाना और “तू” हो...