Dil se Singerहम तो हैं परदेस में देस में निकला होगा चाँद… राही मासूम रज़ा, जगजीत-चित्रा एवं आबिदा परवीन के साथविश्व दीपकJanuary 5, 2012October 15, 2021 by विश्व दीपकJanuary 5, 2012October 15, 202111 200 “मेरे बिना किस हाल में होगा, कैसा होगा चाँद” – बस इस पंक्ति से हीं राही साहब ने अपने चाँद के दु:ख का पारावार खड़...
Dil se Singerभला हुआ मेरी मटकी फूटी.. ज़िन्दगी से छूटने की ख़ुशी मना रहे हैं कबीर… साथ हैं गुलज़ार और आबिदाAmitMay 11, 2011October 15, 2021 by AmitMay 11, 2011October 15, 202110 289 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #११३ सूफ़ियों-संतों के यहां मौत का तसव्वुर बडे खूबसूरत रूप लेता है| कभी नैहर छूट जाता है, कभी चोला बदल लेता है| जो मरता...
Dil se Singerसाहिब मेरा एक है.. अपने गुरू, अपने साई, अपने साहिब को याद कर रही है कबीर, आबिदा परवीन और गुलज़ार की तिकड़ीAmitMarch 30, 2011October 15, 2021 by AmitMarch 30, 2011October 15, 20217 213 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #११२ नशे इकहरे ही अच्छे होते हैं। सब कहते हैं दोहरे नशे अच्छे नहीं। एक नशे पर दूसरा नशा न चढाओ, पर क्या है...
Dil se Singerमन लागो यार फ़क़ीरी में: कबीर की साखियों की सखी बनकर आई हैं आबिदा परवीन, अगुवाई है गुलज़ार कीAmitMarch 9, 2011October 15, 2021 by AmitMarch 9, 2011October 15, 20216 161 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #१११ सूफ़ियों का कलाम गाते-गाते आबिदा परवीन खुद सूफ़ी हो गईं। इनकी आवाज़ अब इबादत की आवाज़ लगती है। मौला को पुकारती हैं तो...
Dil se Singerहै जिसकी रंगत शज़र-शज़र में, खुदा वही है.. कविता सेठ ने सूफ़ियाना कलाम की रंगत हीं बदल दी हैAmitDecember 8, 2010October 15, 2021 by AmitDecember 8, 2010October 15, 202116 177 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #१०५ इससे पहले कि हम आज की महफ़िल की शुरूआत करें, मैं अश्विनी जी (अश्विनी कुमार रॉय) का शुक्रिया अदा करना चाहूँगा। आपने हमें...
Dil se Singerये कौन आता है तन्हाईयों में जाम लिए.. मख़्दूम मोहिउद्दीन के लफ़्ज़ औ' आबिदा की पुकार..वाह जी वाह!AmitJuly 21, 2010October 15, 2021 by AmitJuly 21, 2010October 15, 202129 183 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #९३ दिन से महीने और फिर बरस बीत गयेफिर क्यूं हर शब तन्हाई आंख से आंसू बनकर ढल जाती हैफिर क्यूं हर शब तेरे...
Dil se Singerगुल हुई जाती है अफ़सुर्दा सुलगती हुई शाम……. महफ़िल-ए-नौखेज़ और "फ़ैज़"AmitJuly 21, 2009October 15, 2021 by AmitJuly 21, 2009October 15, 202115 205 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #३१ आज की महफ़िल बड़ी हीं खुश-किस्मत है। आज हमारी इस महफ़िल में एक ऐसे शम्म-ए-चरागां तशरीफ़फ़रमां हैं कि उनकी आवभगत के लिए अपनी...
Dil se Singerतुझसे तेरे जज्बात कहूँ…. महफ़िल-ए-पुरनम और "बेगम"AmitMay 7, 2009October 15, 2021 by AmitMay 7, 2009October 15, 202116 344 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #११ यूँ तो गज़ल उसी को कहते हैं जो आपके दिल-औ-दिमाग दोनों को हैरत में डाल दे। पर आज की गज़ल को सुनकर एकबारगी...
Dil se Singerआबिदा और नुसरत एक साथ…महफिल-ए-ग़ज़ल मेंAmitApril 6, 2009October 15, 2021 by AmitApril 6, 2009October 15, 20216 195 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #०२ उनकी नज़र का दोष ना मेरे हुनर का दोष,पाने को मुझको हो चला है इश्क सरफ़रोश। इश्क वो बला है जो कब किस...