Dil se Singerशत्रुओं की छाती पर लोहा कुट.. बाबा नागार्जुन की हुंकार के साथ आईये करें गणतंत्र दिवस का स्वागतविश्व दीपकJanuary 26, 2012October 15, 2021 by विश्व दीपकJanuary 26, 2012October 15, 20212 137 महफ़िल-ए-ग़ज़ल ०२ बचपन बीत जाता है, बचपना नहीं जाता। बचपन की कुछ यादें, कुछ बातें साथ-साथ आ जाती हैं। उम्र की पगडंडियों पर चलते-चलते उन...
Dil se Singerहम तो हैं परदेस में देस में निकला होगा चाँद… राही मासूम रज़ा, जगजीत-चित्रा एवं आबिदा परवीन के साथविश्व दीपकJanuary 5, 2012October 15, 2021 by विश्व दीपकJanuary 5, 2012October 15, 202111 101 “मेरे बिना किस हाल में होगा, कैसा होगा चाँद” – बस इस पंक्ति से हीं राही साहब ने अपने चाँद के दु:ख का पारावार खड़...