Uncategorized"जय दुर्गा महारानी की" – क्या आपने पहले कभी सुनी है संगीतकार चित्रगुप्त की गाती हुई आवाज़?SajeevJune 8, 2010 by SajeevJune 8, 20100206 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 412/2010/112 ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ की कल की कड़ी मे हमने सुनी थी सबिता बनर्जी की गाई हुई एक दुर्लभ फ़िल्मी...
Uncategorizedरब्बा लक़ बरसा…. अपनी फ़िल्म "कजरारे" के लिए इसी किस्मत की माँग कर रहे हैं हिमेश भाईAmitJune 8, 2010 by AmitJune 8, 20100230 ताज़ा सुर ताल २१/२०१० सुजॊय – ‘ताज़ा सुर ताल’ की एक और ताज़े अंक के साथ हम हाज़िर हैं। विश्व दीपक जी, इस शुक्रवार को...
Uncategorized"ज़रा मुरली बजा दे मेरे श्याम रे" – सबिता बनर्जी की आवाज़ में एक भूला बिसरा भजनSajeevJune 7, 2010 by SajeevJune 7, 20100208 ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 411/2010/111 नमस्कार दोस्तों! बेहद ख़ुशी और जोश के साथ हम फिर एक बार आप सभी का ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ की...
Uncategorizedदो हाथ – इस्मत चुगताईAmitJune 5, 2010 by AmitJune 5, 20100239 सुनो कहानी: दो हाथ ‘सुनो कहानी’ इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में...
Uncategorizedमहान फनकारों के सुरों से सुर मिलते आज हम आ पहुंचे हैं रिवाईवल की अंतिम कड़ी में ये कहते हुए – तू भी मेरे सुर में सुर मिला दे…SajeevJune 4, 2010 by SajeevJune 4, 20100224 ओल्ड इस गोल्ड /रिवाइवल # ४५ पिछले ४५ दिनों से, यानी डेढ़ महीनों से आप ‘ओल्ड इज़ गोल्ड’ पर सुन रहे हैं रिवाइवल सुनहरे दौर...
Uncategorizedगीत कभी बूढ़े नहीं होते, उनके चेहरों पर कभी झुर्रियाँ नहीं पड़ती…सच ही तो कहा था गुलज़ार साहब नेSajeevJune 3, 2010 by SajeevJune 3, 20100236 ओल्ड इस गोल्ड /रिवाइवल # ४४ गुलज़ार, राहुल देव बर्मन, आशा भोसले। ७० के दशक के आख़िर से लेकर ८० के दशक के मध्य भाग...
Uncategorizedदो युवा प्रेमियों के प्रेम तो कभी प्रेम त्रिकोण को आधार बना कर लिखी गयी बहुत सी फ़िल्में, और अनेकों गीत भीSajeevJune 2, 2010 by SajeevJune 2, 20100212 ओल्ड इस गोल्ड /रिवाइवल # ४३ राज कपूर कैम्प की एक मज़बूत स्तम्भ रहीं हैं लता मंगेशकर। दो एक फ़िल्मों को छोड़कर राज साहब की...
Uncategorizedबेदर्द मैंने तुझको भुलाया नहीं हनोज़… कुछ इस तरह जोश की जिंदादिली को स्वर दिया मेहदी हसन नेAmitJune 2, 2010 by AmitJune 2, 20100458 महफ़िल-ए-ग़ज़ल #८६ दैनिक जीवन में आपका ऐसे इंसानों से ज़रूर पाला पड़ा होगा जिनके बारे में लोग दो तरह के ख्यालात रखते हैं, मतलब कि...
Uncategorizedक्या लता जी की आवाज़ से भी अधिक दिव्य और मधुर कुछ हो सकता है कानों के लिएSajeevJune 1, 2010 by SajeevJune 1, 20100227 ओल्ड इस गोल्ड /रिवाइवल # ४२ ‘ओल्ड इज़ गोल्ड रिवाइवल’ में आज हम जिस गीत का रिवाइव्ड वर्ज़न लेकर आए हैं, वह है सन् १९९१...
Uncategorizedबस प्यार का नाम न लेना, आइ हेट लव स्टोरीज़, यही गुनगुनाते आ पहुँचे हैं विशाल, शेखर, कुमार और अन्विताAmitJune 1, 2010 by AmitJune 1, 20100257 ताज़ा सुर ताल २०/२०१० सुजॊय – ‘ताज़ा सुर ताल’ के आज के अंक में आप सब का स्वागत है। विश्व दीपक जी, पिछले हफ़्ते फ़िल्म...