

कविता की पहली पंक्ति से
यदि इश्क़ न हो तुम्हें
तो इस कविता का सफ़र
यहीं खत्म समझो
कविवर ।
यही है कविता का सच ! जिसको मणि मोहन सर अपनी कविताओं में उतारते है। हर कविता इतनी सच्ची है जितना सच्चा होता चिड़ियों का कलरव ।
Speakers: Supriya Purohit, Mani Mohan mehta, Amandeep Gujral, Manuj mehta, Manmeet Soni.
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दिल खोल के बोल, हिंदी में बोल।
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