आलेख : सुजॉय चटर्जी
स्वर : गुलनाज़ खान
प्रस्तुति : संज्ञा टण्डन
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ शुरू करते हैं साल का यह पहला अंक। दोस्तों, दिसम्बर से लेकर फ़रवरी तक का समय वह समय है जब मशहूर शाइर मिर्ज़ा ग़ालिब बेहद शिद्दत के साथ याद आते हैं। 27 दिसम्बर 1797 को उनका आगरा में जन्म हुआ था और 15 फ़रवरी1869 को वे इस फ़ानी दुनिया से रुख़सत हुए थे। उनके इस दुनिया से जिस्मानी तौर से गुज़रे हुए 150 साल बीत चुके हैं, पर उनका काम उन्हें अमर कर गया है। उनकी शेर-ओ-शाइरी, उनकी ग़ज़लें इतनी मक़बूल रही हैं कि हर दौर के लोगों के दिलों को छू जाती हैं। उनकी ग़ज़लें इक्कीसवीं सदी में भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी उन्नीसवीं सदी में थीं। आइए आज के इस अंक में फ़िल्म ’मिर्ज़ा ग़ालिब’ की एक ग़ज़ल के बहाने जाने ग़ालिब पर बनने वाली फ़िल्मों, वृत्तचित्रों और टीवी धारावाहिकों के बारे में।