ख़ामोश हुआ ’स्वरगोष्ठी’ का स्वर, नहीं रहे कृष्णमोहन मिश्र जी
अत्यन्त दु:ख और भारी मन के साथ हम ’स्वरगोष्ठी’ के श्रोता-पाठकों को यह सूचित कर रहे हैं कि हम सब के अत्यन्त प्रिय साथी और ’स्वरगोष्ठी’ के वाहक कृष्णमोहन मिश्र जी अब हमारे बीच नहीं रहे। गत 31 दिसम्बर की रात 9 बजे दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया है। रेडियो प्लेबैक इण्डिया के लिए कृष्णमोहन जी का योगदान अत्यन्त सराहनीय और अद्वितीय रहा है। उनके इस तरह अचानक चले जाने से हम सभी को गहरा सदमा पहुँचा है। शास्त्रीय संगीत पर आधारित इस एकमात्र स्तम्भ के वाहक के रूप में उनकी जगह कोई नहीं ले सकता। हम ईश्वर से कृष्णमोहन जी की आत्मा-शान्ति की प्रार्थना करते हैं।
’रेडियो प्लेबैक इन्डिया’ के संस्थापक सदस्य, श्री कृष्णमोहन मिश्र जी को श्रद्धांजलि स्वरूप, सहयोगी सदस्य रीतेश खरे ’सब्र’ की क़लम से निकले चन्द अलफ़ाज़:
हम में से हर कोई, कल दूर हो जायेगा
कोई फ़लक का तारा बन, मशहूर हो जायेगा
एक दूसरे से दिल, इतना भी न तुम लगाओ
कल तड़प उठोगे जब कोई बड़ी दूर हो जायेगा
हर ख़्वाब तो, कहते हैं, होता नहीं मुक़म्मल
पर एक तो सच, हक़ीक़त ज़रूर हो जायेगा
आज जब हमने रेडियो प्लेबैक इण्डिया का ब्लॉग ओपन किया तो यह देख कर चकित रह गए कि कृष्णमोहन जी ने आज के लिए लिखा ’स्वरगोष्ठी’ का पोस्ट ड्राफ़्ट में सेव करके रखा हुआ है। और संयोग देखिए कि आज ही ’स्वरगोष्ठी’ अपने दस वर्ष पूरे कर रहा है। तो लीजिए, प्रस्तुत है कृष्णमोहन मिश्र जी का ’स्वरगोष्ठी’ के लिए लिखा हुआ उनका यह अन्तिम पोस्ट।
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प्रफुल्ल पटेल |
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मुकेश लाडिया |
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उस्ताद बिसमिल्लह खाँ |