इस प्रस्तुति का कुल प्रसारण समय 9 मिनट 39 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। रचना का गद्य “गद्यकोश” पर उपलब्ध है।
यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें।
मेरी जन्म-तारीख 22 अगस्त 1924 छपती है। यह भूल है। तारीख ठीक है। सन् गलत है। सही सन् 1922 है। । ~ हरिशंकर परसाई (22 अगस्त, 1922 – 10 अगस्त, 1995) हर सप्ताह “बोलती कहानियाँ” पर सुनें एक नयी कहानी “हमें बैठते ही समझ में आ गया कि ये नहीं देंगे। वे भी ये समझ गये कि ये शायद टल जायेंगे।” |
नीचे के प्लेयर से सुनें।
(प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर ‘प्ले’ पर क्लिक करें।)
यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंक से डाऊनलोड कर लें:
पुराना खिलाड़ी MP3
#Seventeenth Story, Purana Khiladi: Harishankar Parsai/Hindi Audio Book/2019/17. Voice: Sheetal Maheshwari
1 comment
बहुत बढ़िया… प्रभावी आवाज़ में धारदार व्यंग्य 👍👍