“बर्थ नम्बर तीन” का कुल प्रसारण समय 11 मिनट 25 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। इस लघुकथा का टेक्स्ट पाल ले इक रोग नादाँ पर उपलब्ध है।
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हवा जब किसी की कहानी कहे है
नये मौसमों की जुबानी कहे है
फ़साना लहर का जुड़ा है ज़मीं से
समुन्दर मगर आसमानी कहे है
~ गौतम राजर्षि
हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी कहानी
“चल बे! ज्यादा बन मत तू एक ही बात को बार-बार दुहरा कर”
(गौतम राजर्षि की “बर्थ नम्बर तीन” से एक अंश)
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बर्थ नम्बर तीन MP3
#Fifteenth Story, Berth Number 3: Gautam Rajrishi/Hindi Audio Book/2019/15. Voices:
4 comments
अच्छी गूँथी कहानी को उसी खूबसूरत अंदाज में पढ़ा. कहानी सुनते हुए दृश्यों को महसूस किया जा सकता है.
बहुत बढ़िया….
Very good write-up. I absolutely love this website. Keep writing!
बहुत बढ़िया कहानी और शीतल ने बहुत अच्छी तरह पढ़ा…संवादों की अदायगी प्रशंसनीय है…भावों का उतार-चढ़ाव बेहतर👌👌
संवेदनशील कहानी, सुन्दर वाचन