आज प्रस्तुत है वीरेंद्र भाटिया की लघुकथा गाय, जिसे स्वर दिया है शीतल माहेश्वरी ने।
प्रस्तुत लघुकथा “गाय” का कुल प्रसारण समय 4 मिनट 33 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।
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कोई पशु अपने साथी को नहीं खाता। जिसे खाता है उसे मालूम है कि मैं इसका भोजन बनूंगा। इधर नहीं मालूम। आदमी कब साथी को खा जाए साथी को नहीं मालूम। ~ वीरेंद्र भाटिया हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी
(वीरेंद्र भाटिया की लघुकथा ‘गाय’ से एक अंश) |
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गाय MP3
#29th Story, Gaay; Virender Bhatia; Hindi Audio Book/2018/29. Voice: Sheetal Maheshwari
2 comments
बहुत बढ़िया कहानी….शीतल ने भाव सहित बहुत खूब पढ़ा है����
Excellent..Sheetal Your voice is marvellous..You are great..