महफ़िल ए कहकशाँ 20
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बहादुर शाह ज़फ़र |
दोस्तों सुजोय और विश्व दीपक द्वारा संचालित “कहकशां” और “महफिले ग़ज़ल” का ऑडियो स्वरुप लेकर हम हाज़िर हैं, “महफिल ए कहकशां” के रूप में पूजा अनिल और रीतेश खरे के साथ। अदब और शायरी की इस महफ़िल में आज पेश है आखिरी मुग़ल बादशाह बहादुर शाह ज़फ़र की लिखी मशहूर गज़ल “लगता नहीं जी मेरा उजड़े दयार में” हबीब वली मोहम्मद की आवाज़ में|
मुख्य स्वर – पूजा अनिल एवं रीतेश खरे
स्क्रिप्ट – विश्व दीपक एवं सुजॉय चटर्जी
स्क्रिप्ट – विश्व दीपक एवं सुजॉय चटर्जी
2 comments
Congratulations Pooja anil and whole team..
newly researched evidence shows this ghazal was not written by bahadur shah zafar. see " the last mughal" by william dalrymple.