24 सितम्बर को दीपक मशाल को जन्मदिन की शुभकामनाओं के साथ प्रस्तुत है उनकी लघुकथा निमंत्रण, जिसे स्वर दिया है पूजा अनिल ने।
प्रस्तुत लघुकथा “निमंत्रण” का कुल प्रसारण समय 4 मिनट 55 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।
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कुछ बड़े लोगों से मिला था कभी, तबसे कोई बड़ा नहीं लगता इतनी बौनी है दुनिया कि कोई, खड़ा हुआ भी खड़ा नहीं लगता ~ दीपक मशाल हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी “सेठजी के लिये यह बात अनुभवों की गिनती में इजाफा भर नहीं थी।” |
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निमंत्रण MP3
#Eighteenth Story, Nimantran; Dipak Mashal; Hindi Audio Book/2016/18. Voice: Pooja Anil
3 comments
बहुत ही बढ़िया कहानी और अच्छा वाचन
सोशल मीडिया पर यह पहल स्वागत योग्य है | रेडियो पर नीलेश मिश्रा को अक्सर सुनते आ रहे हैं | इस मंच पर यह प्रयास अच्छा लगा |…..भाई दीपक मशाल एक उम्दा लघुकथाकार हैं | पूजा अनिल की पुरकशिश आवाज़ में दीपकजी की लघुकथा बेहद श्रवणीय रही | आप सब को बधाई |
बहुत ही सुंदर, मार्मिक कथा।