एक मुलाकात ज़रूरी है (25)
दोस्तों, आज हम आ पहुंचे हैं अपने पसंदीदा कार्यक्रम “एक मुलाकात ज़रूरी है” के पच्चीसवें यानी सिल्वर जुबली एपिसोड पर, और ये हमारा सौभाग्य है कि इस ग्रेंड एपिसोड में हमारे साथ हैं हमारे देश की सबसे सुरीली, और मधुरतम आवाजों में से एक शुभा मुदगल जी. गायकी की दुनिया के सबसे रोशन सितारों में एक, शुभा जी के साथ इस ख़ास मुलाक़ात ने हमारे इस आयोजन को एक अलग ही बुलंदी दे दी है. मिलिए शुभा जी से और सुनिए उनके गाये गीतों की सुरीली कहानियां….
एक मुलाकात ज़रूरी है इस एपिसोड को आप यहाँ से डाउनलोड करके भी सुन सकते हैं, लिंक पर राईट क्लीक करें और सेव एस का विकल्प चुनें
5 comments
बढ़िया लेखन, प्रस्तुति..हमेशा की तरह सजीव जी तुस्सी ग्रेट हो!
शुभा जी के श्री मुख से उनके संगीत सफ़र के दौरान हुए अनुभवों को सुन के ज़ाहिर है जानकारियों और ज्ञान में बढ़ोत्तरी हुई.
मैंने आज तक उन्हें लाइव तो नहीं सुना, पर सजीव जी ने मेरी फ़रमाइश इस आभासी मंच पर एह्सासी सौगात दे कर पूरी कर दी.
शुक्रिया सजीव जी, नैनों की भाषा शुभा जी के स्वर में सुनवाने के लिए!
शुभा जी से मुलाकात कराने का आभार सजीव जी!
बेहतरीन…25अंक पूरे होने की बधाई.
Great show. It really helps me unwind.
बहुत अच्छी प्रस्तुति। जहां तक मुझे स्मरण है, संभवतः शुभा जी ने अपनी किशोरावस्था में प्रदेश की अकादमी की वार्षिक कथक प्रतितयोगिता में विजेता रही हैं। एक बात और; रेडियो प्लेबैक इण्डिया के 3 जुलाई, 2016 को प्रकाशित 'स्वरगोष्ठी' के 277वें अंक में शुभा जी का गाया राग केदार का छोटा खयाल -'काहे सुन्दरवा बोलो नाहीं…' सुनवाया जा चुका है। इस बातचीत में शुभा जी की सुगम संगीत प्रतिभा उजागर हुई है।