स्वरगोष्ठी – 172 में आज
व्यक्तित्व – 2 : हेमन्त कुमार मुखोपाध्याय उपाख्य हेमन्त मुखर्जी
‘जाग दर्द-ए-इश्क जाग, दिल को बेकरार कर..’


स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर जारी हमारी नई श्रृंखला ‘व्यक्तित्व’ की
दूसरी कड़ी में, मैं कृष्णमोहन मिश्र, आप सभी संगीत-प्रेमियों का हार्दिक
अभिनन्दन करता हूँ। मित्रों, जारी लघु श्रृंखला ‘व्यक्तित्व’ में हम आपसे
संगीत के कुछ ऐसे साधकों के व्यक्तित्व और कृतित्व पर चर्चा कर रहे हैं
जिन्होंने मंच अथवा विभिन्न प्रसारण माध्यमों पर प्रदर्शन से इतर संगीत के
प्रचार, प्रसार, शिक्षा, संरक्षण या अभिलेखीकरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय
योगदान किया है। इस श्रृंखला में हम फिल्मों के ऐसे संगीतकारों की भी चर्चा
करेंगे जिन्होंने लीक से हट कर कार्य किया। हमारी आज की कड़ी के व्यक्तित्व
हैं, बांग्ला और हिन्दी फिल्म के यशस्वी गायक और संगीतकार, हेमन्त कुमार
मुखोपाध्याय जिन्हें हिन्दी फिल्मों के क्षेत्र में हम हेमन्त कुमार के नाम से
जानते और याद करते है। बांग्ला और हिन्दी फिल्म संगीत जगत पर पूरे 45
वर्षों तक छाए रहने वाले हेमन्त कुमार ने अपने राग आधारित संगीत, लोक और रवीन्द्र
संगीत की रचनाओं से फिल्म संगीत को समृद्ध किया। आज के अंक में हम उनके
शास्त्रीय राग आधारित रचनाओं के सन्दर्भ में उनकी गायक और संगीतकार की
भूमिका को रेखांकित करेंगे। यह भी सुखद संयोग है कि कल ही अर्थात 16 जून को
हेमन्त कुमार का 95वाँ जन्मदिवस भी है। इस अवसर पर ‘रेडियो प्लेबैक
इण्डिया’ परिवार की ओर से इस महान संगीत साधक की स्मृतियों को सादर नमन है।


राग बागेश्री, दादरा ताल : ‘जाग दर्द-ए-इश्क़ जाग…’ हेमन्त कुमार और लता मंगेशकर : संगीत – सी. रामचन्द्र : गीत – राजेन्द्र कृष्ण : फिल्म – अनारकली


राग भैरवी, कहरवा ताल : ‘चली गोरी पी के मिलन को चली…’ स्वर और संगीत – हेमन्त कुमार : गीत – मजरूह सुल्तानपुरी : फिल्म – एक ही रास्ता


राग मिश्र खमाज, तीनताल : ‘सखि री सुन
बोले पपीहा उस पार…’ लता मंगेशकर और आशा भोसले : संगीत – हेमन्त कुमार :
गीत – राजेन्द्र कृष्ण : फिल्म – मिस मेरी
बोले पपीहा उस पार…’ लता मंगेशकर और आशा भोसले : संगीत – हेमन्त कुमार :
गीत – राजेन्द्र कृष्ण : फिल्म – मिस मेरी
आज की पहेली
‘स्वरगोष्ठी’ के 172वें अंक की पहेली में आज हम आपको एक फिल्मी गीत का अंश सुनवा रहे हैं। इसे सुन कर आपको दो प्रश्नों के उत्तर देने हैं। 180वें अंक की पहेली के सम्पन्न होने तक जिस प्रतिभागी के सर्वाधिक अंक होंगे, उन्हें इस वर्ष की तीसरी श्रृंखला (सेगमेंट) का विजेता घोषित किया जाएगा।
1 – गीत का यह अंश सुन कर राग पहचाइए और हमे राग का नाम बताइए।
2 – इस गीत के गायक कलाकार को पहचानिए।
आप अपने उत्तर केवल swargoshthi@gmail.com या radioplaybackindia@live.com पर ही शनिवार मध्यरात्रि से पूर्व तक भेजें। comments में दिये गए उत्तर मान्य नहीं होंगे। विजेता का नाम हम ‘स्वरगोष्ठी’ के 174वें अंक में प्रकाशित करेंगे। इस अंक में प्रस्तुत गीत-संगीत, राग अथवा कलासाधक के बारे में यदि आप कोई जानकारी या अपने किसी अनुभव को हम सबके बीच बाँटना चाहते हैं तो हम आपका इस संगोष्ठी में स्वागत करते हैं। आप पृष्ठ के नीचे दिये गए comments के माध्यम से तथा swargoshthi@gmail.com अथवा radioplaybackindia@live.com पर भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर सकते हैं।
पिछली पहेली और श्रृंखला के विजेता
‘स्वरगोष्ठी’ की 170वीं कड़ी की पहेली में हमने आपको वरिष्ठ संगीतज्ञ पण्डित विश्वनाथ श्रीखण्डे की आवाज़ में गायी ठुमरी का एक अंश सुनवा कर आपसे दो प्रश्न पूछे थे। पहले प्रश्न का सही उत्तर है- ठुमरी शैली और पहेली के दूसरे प्रश्न का सही उत्तर है- राग मिश्र खमाज। इस अंक के दोनों प्रश्नों के सही उत्तर चण्डीगढ़ के हरकीरत सिंह, जबलपुर से क्षिति तिवारी और हैदराबाद की डी. हरिणा माधवी ने दिया है। तीनों प्रतिभागियों को ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ की ओर से हार्दिक बधाई। यह हमारी 170वीं कड़ी की पहेली का परिणाम था। इसी के साथ वर्ष 2014 की दूसरी श्रृंखला का परिणाम भी स्पष्ट हो गया है। इस श्रृंखला के विजेता और उनके प्राप्तांक इस प्रकार रहे।
1- डी. हरिणा माधवी, हैदराबाद – 20 अंक प्रथम
2- क्षिति तिवारी, जबलपुर – 20 अंक प्रथम
3- हरकीरत सिंह, चंडीगढ़ – 16 अंक द्वितीय
4- विजया राजकोटिया, पेंसिलवानिया, अमेरिका – 8 अंक तृतीय
आप सभी श्रृंखला विजेताओं को ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के सम्पादक मण्डल की ओर से हार्दिक बधाई।
अपनी बात
मित्रों, ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ पर जारी श्रृंखला ‘व्यक्तित्व’ के अन्तर्गत आज के अंक में हमने आपसे सुप्रसिद्ध फिल्म संगीतकार हेमन्त कुमार के व्यक्तित्व और कृतित्व पर चर्चा की। अगले अंक में भी हम एक और फिल्म संगीत के विख्यात संगीतकार की सांगीतिक कृतियों की चर्चा करेंगे। यह अंक आपको कैसा लगा, हमें अवश्य बताइए। आप भी अपनी पसन्द के विषय और गीत-संगीत की फरमाइश हमें भेज सकते हैं। हमारी अगली श्रृंखलाओं के लिए आप किसी नए विषय का सुझाव भी दे सकते हैं। अगले रविवार को प्रातः 9 बजे ‘स्वरगोष्ठी’ के इसी मंच पर सभी संगीतानुरागियों की प्रतीक्षा करेंगे।